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लखीमपुर खीरी हिंसा : गुरुवार को सुप्रीमकोर्ट करेगी सुओ मोटो सुनवाई

  • लेखक की तस्वीर: Patrakar Online
    Patrakar Online
  • 8 अक्टू॰ 2021
  • 1 मिनट पठन

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सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया है, जहां तीन अक्टूबर को किसानों को कथित तौर पर एक कार से कुचल दिया गया था, जिस पर हिंसक प्रतिक्रिया हुई। लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों समेत नौ लोगों की मौत हुई है। मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ गुरुवार को मामले की सुनवाई करेगी। इस मामले को 'लखीमपुर खीरी (यूपी) में हिंसा की वजह से जानमाल की हानि' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इससे पहले, शीर्ष अदालत के दो वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर मामले की शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की थी। अधिवक्ता शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है, "उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के गंभीर मामले में हस्तक्षेप करना माननीय न्यायालय पर निर्भर है।" वकीलों ने दावा किया था कि हाल के दिनों में हिंसा देश की राजनीतिक संस्कृति बन गई है। वकीलों ने कहा कि 'हिंसा से तबाह' उत्तर प्रदेश में कानून के शासन की रक्षा करने की जरूरत है, जो मीडिया रिपोर्ट्स से स्पष्ट है। पत्र में कहा गया है कि लखीमपुर खीरी की घटना में यूपी सरकार और संबंधित नौकरशाहों के साथ-साथ गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत 'कानून तोड़ने वाली पुलिस' मशीनरी के खिलाफ निर्देश देने की मांग की गई

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