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इंदौर की सब्जी बेचने वाली महिला की बेटी बनी सिविल जज

  • लेखक की तस्वीर: Patrakar Online
    Patrakar Online
  • 5 मई 2022
  • 2 मिनट पठन

(Photo Credit : divyabhaskar.co.in)

गर्मी में पसीने के कारण भीग जाती थी किताबें, छोटे से कमरे हर दिन आठ घंटे करती थी पढ़ाई


कहते है कि मेहनत का कोई भी पर्याय नहीं होता है। कुछ ऐसा ही देखने मिला जब एक सब्जी विक्रेता की बेटी सिविल जज बन गई। बुधवार को 25 साल की अंकिता नागर ने अपनी मां को यह खुशखबरी दी, जब वह लारी पर सब्जी बेच रही थी। मां के पास रिजल्ट की प्रिंट लेकर उन्हों ने बताया कि वह जज बन गई है। अंकिता ने बताया कि एक हफ्ते पहले ही जाहिर हो गया था। पर घर में किसी की मृत्यु होने के कारण हर कोई इंदौर के बाहर गया था। अंकिता नागर ने सिविल जज की परीक्षा में अपने एससी क्वोटा में पांचवा क्रमांक हासिल किया है। अंकिता ने बताया कि जब परिवार के सभी सदस्य सब्जी बेचने का काम करते हैं। उनके पापा सुबह 5 बजे उठकर बाजार में जाते थे। तो मम्मी सभी के लिए खाना बनाती थी। इसके अलावा बड़ा भाई आकाश भी मजदूरी करने जाता था।

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भास्कर को इंटरव्यू देते हुए अंकिता ने बताया कि वह हर दिन आठ घंटे पढ़ाई के लिए देती थी। इसके अलावा जब शाम को लारी पर भीड़ जमा हो जाती तो वह अपनी मां को मदद करने के लिए भी जाती थी। रात को 10 बजे दुकान बंद कर के वह 11 बजे के बाद फिर से पढ़ाई करने के लिए बैठती थी। अंकिता ने बताया कि साल 2017 में उसने वैष्णव कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूर्ण की। जिसके बाद साल 2021 में एलएलएम की पढ़ाई पूर्ण हुई। पिता कॉलेज की फीस भरने के लिए लोगों से उधार पैसे लेते थे। कॉलेज के बाद उसने सिविल जज की तैयारी में व्यस्त हो गई। हालांकि दो बार सिलेक्शन ना होने के बाद भी उसके माता पिता उन्हें प्रोत्साहन दे रहे थे। अंकिता ने बताया कि उनका घर काफी छोटा था। गर्मी के घर की छत इतनी गरम हो जाती थी कि गर्मी के कारण पसीना इतना निकलता था कि कई बार किताब भी भीग जाती थी। कड़ी मजदूरी कर के उनके माता पिता ने उन्हें पढ़ाया था। उनके परिवार ने उनके लिए जो किया उसके लिए उनके पास कोई शब्द ही नहीं है।

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