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बुर्का विवाद पर कोर्ट का बयान; यूनिफॉर्म सबके लिए जरूरी

  • लेखक की तस्वीर: Patrakar Online
    Patrakar Online
  • 8 फ़र॰ 2022
  • 1 मिनट पठन

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कर्नाटक के एक कॉलेज में बुर्का पहनने को लेकर हुए विवाद के बीच मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हुई । उच्च न्यायालय ने कहा, "हम कारणों और कानून का पालन करेंगे। किसी के जोश और भावनाओं से नहीं। संविधान जो कहेगा हम वही करेंगे। हमारे लिए संविधान ही भगवद गीता है।" आगे तर्क देते हुए, महाधिवक्ता ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को बताया कि यूनिफ़ोर्म तय करना कॉलेज का काम था। जो छात्र छूट चाहते हैं वे कॉलेज विकास समिति के पास जा सकते हैं। बता दें कि सारा विवाद तब शुरू हुआ जब बुर्का पहनकर आई दो छात्राओं को अध्यापक ने क्लास में बैठने से मना कर दिया। इसके चलते उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की और दूसरे दिन से कई छात्राओं ने बुर्का पहनकर कॉलेज के गेट के आगे प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। बुर्का पहनकर आए छात्रों के खिलाफ फिर कई छात्र भी सामने आए और भगवा शाल पहनकर उनके सामने खड़े रह गए। पूरे मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि स्कूल तथा कॉलेज में यूनिफॉर्म तय करना प्रबंधन का कार्य है। यह इसलिए किया जाता है, ताकि सभी एक जैसे दिखे। ऐसे में इस तरह से भावनाओं में आकर विरोध प्रदर्शन करने के स्थान पर जिन्हें छुट चाहिए वह कॉलेज की विकास समिति के पास जाकर बात करें।

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