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"हम माफ नहीं करेंगे, हम नहीं भूलेंगे": पुलवामा हमले के 3 साल, सीआरपीएफ के 40 जवान हुए थे शहीद

  • लेखक की तस्वीर: Patrakar Online
    Patrakar Online
  • 14 फ़र॰ 2022
  • 2 मिनट पठन

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भारत का एक भी नागरिक 14 फरवरी 2019 के उस घातक दिन को नहीं भूल सकता। जबकि सीआरपीएफ का काफिला जम्मू-कश्मीर नेशनल हाईवे से करीब 2500 जवानों को लेकर 78 बसों से गुजर रहा था। काफिला पुलवामा की ओर आ रहा था तभी सड़क के दूसरी ओर से आ रही एक एसयूवी ने सीआरपीएफ की गाड़ी को टक्कर मार दी, जिसके चलते जोरदार धमाका हुआ। हमले में सीआरपीएफ के चालीस जवान शहीद हुए थे।



धमाका इतना घातक था कि आसपास के इलाकों के लोगों ने भी इसका अनुभव किया। धुएं और लाशों से ढकी सड़क की तस्वीर देखकर आज भी हर देशवासी की रूह कांप रही है। चारों तरफ जवानों के खून और शरीर के अंग नजर आए। सैनिक अपने साथियों की तलाश में लगे रहे। सेना ने बचाव अभियान शुरू किया और घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। इस घटना के बाद पूरे देश में अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई थी।


काफिला जम्मू के चेन्नई स्थित रामा ट्रांजिट कैंप से श्रीनगर के लिए रवाना हुआ। सुबह-सुबह रवाना हुए सैनिकों को सूर्यास्त से पहले श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में ट्रांजिट कैंप पहुंचना था। यात्रा लगभग 320 किमी लंबी थी और सैनिक दोपहर 3:30 बजे से यात्रा कर रहे थे। 78 बसों में 2500 जवानों के साथ काफिला जम्मू से रवाना हुआ। लेकिन पुलवामा में ही जैश के आतंकियों ने इन जवानों को निशाना बनाया था। जिसमें कई शहीद हो गए। काफिले में कई जवान छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौट रहे थे। वहीं, बर्फबारी के कारण श्रीनगर जा रहे जवान भी उसी काफिले की बसों में सवार थे। जैश के निशाने पर सभी 2500 सैनिक थे।


इस खूनी हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल था। हर देशवासी के मन में बदले की भावना थी। इस बीच आतंकी संगठन जैश ने मैसेज कर इस जघन्य कृत्य की जिम्मेदारी ली। जैश ने कश्मीर की न्यूज एजेंसी जीएनएस को मैसेज भेजा था। जहां हमला हुआ था वहां से श्रीनगर सिर्फ 33 किलोमीटर दूर था और काफिला सिर्फ एक घंटे की दूरी पर था। धमाका इतना जोरदार था कि जवानों के शव भी उड़ गए थे। हमले को जैश ने अपना बदला करार दिया था। हमले से दो दिन पहले पुलवामा के रत्नीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में जैश के एक आतंकी को मार गिराया था। जिसक बदला लेने के लिए यह हमला करवाया गया था।

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