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चारा कौंभांड में लालू को 5 साल की सजा, 60 लाख का हुआ दंड

  • लेखक की तस्वीर: Patrakar Online
    Patrakar Online
  • 21 फ़र॰ 2022
  • 2 मिनट पठन

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निचली अदालत तथा ट्रायल कोर्ट में से नहीं मिली किसी भी तरह की कोई भी राहत


डोरंडा कोषागार चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा सुनाई गई है। विशेष अदालत के न्यायाधीश एसके शशि ने यह फैसला सुनाया। उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। लालू प्रसाद यादव के वकील ने कहा कि जमानत के लिए आगे आवेदन किया जाएगा। लेकिन जमानत मिलने तक लालू प्रसाद यादव को जेल में ही रहना होगा। चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में लालू प्रसाद यादव पहले ही दोषी करार दिए जा चुके हैं। इसमें लालू प्रसाद यादव इस समय बेल पर चल रहे हैं। हाईकोर्ट से उन्हें जमानत भी मिल गई थी। न तो निचली अदालत ने और न ही ट्रायल कोर्ट ने उन्हें राहत दी। 15 फरवरी को, सीबीआई की एक विशेष अदालत ने लालू यादव और अन्य को 139.5 करोड़ रुपये के डोरंडा ट्रेजरी चारा घोटाले में दोषी ठहराया। अदालत ने तब सजा की घोषणा नहीं की थी। अदालती कार्यवाही आज ऑनलाइन हो गई, जिसमें लालू यादव ऑनलाइन शामिल हुए।




राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू यादव को चारा घोटाले (दुमका, देवघर और चाईबासा) के चार अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया है। जिसमें उन्हें कुल 14 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं, उन्हें अब तक 60 लाख रुपये पेनल्टी के तौर पर चुकाने होंगे। चाईबासा से पहले मामले में (37 करोड़ रुपये का अवैध गबन) लालू यादव को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। देवघर कोषागार में लालू यादव को 3.5 साल की सजा (79 लाख रुपये का गबन)। बाद में उन्हें चाईबासा के एक अन्य मामले (33.13 लाख रुपये के अवैध गबन) में पांच साल की सजा सुनाई गई थी। लालू को बाद में दुमका कोषागार मामले (3.13 करोड़ रुपये का गबन) में सात साल की सजा सुनाई गई थी।

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