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हवन से रोग फैलाने वाले जीवाणुओं का होता है नाश, पतंजलि ने किया दावा

  • लेखक की तस्वीर: Patrakar Online
    Patrakar Online
  • 9 जन॰ 2022
  • 1 मिनट पठन

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हवन रोग फैलाने वाले जीवाणुओं को नष्ट करता है। पतंजलि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने इसे प्रमाणित करने का दावा किया है। इस शोध के अनुसार हवन-यज्ञ पर्यावरण को शुद्ध करने का एक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल तरीका हो सकता है। यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल जर्नल ऑफ एविडेंस-बेस्ड इंटीग्रेटिव मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। बालकृष्ण के शोध के बारे में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि यज्ञ-हवन पर्यावरण को शुद्ध करने का एक पारंपरिक तरीका है। यह इससे जुड़ा पहला वैज्ञानिक प्रमाण है। उन्होंने इन वैज्ञानिक निष्कर्षों को नियमित पर्यावरण अनुसंधान प्रोटोकॉल के रूप में यज्ञ-हवन आयोजित करने की प्राचीन भारतीय दैनिक प्रथा से जोड़ा। मन की शांति के अलावा, यह शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करने का एक आध्यात्मिक तरीका भी है। पतंजलि अनुसंधान संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय के अनुसार जहरीली धूप नामक धूप के धुएं से रोगजनक रोगाणु ठीक हो जाते हैं। उनके विकास पर धुएं के प्रभाव का व्यापक अध्ययन किया गया है। अध्ययन किए गए रोगजनकों में रोगजनक शामिल हैं जो आमतौर पर दूषित वातावरण में मौजूद होते हैं। यह त्वचा, फेफड़े, पेट और जननांगों को संक्रमित करता है। शोध से पता चला है कि जहरीला अगरबत्ती का धुआं रोगजनकों के विकास को रोकता है। पतंजलि के वैज्ञानिकों ने भी पर्यावरण को शुद्ध करने में हवन की व्यावहारिकता को प्रमाणित किया। उन्होंने पाया कि पहले से संक्रमित कमरे में जहरीली धूप या यज्ञ-हवन जलाने से सूक्ष्म जीवाणुओं और कवकों की मात्रा बहुत कम हो जाती है। जहरीली धूप का भी फेफड़ों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।

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