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गुजरात : एक ऐसा सरकारी दवाखाना, जहां नही है कोई भी डॉक्टर

  • लेखक की तस्वीर: Patrakar Online
    Patrakar Online
  • 20 फ़र॰ 2022
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 21 फ़र॰ 2022


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डॉक्टर ने दे दिया है इस्तीफा तो फार्मासिस्ट भी है छुट्टी पर, उल्टे पैर वापिस हो रहे है मरीज



बनासकांठा जिले में राजस्थान सीमा से सटे धनेरा तालुका के नेनावा गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण पिछले 40 दिनों से बंद है। इस पर स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचकर विरोध किया। डॉक्टर को फौरन अस्पताल नहीं पहुंचाया गया तो तालाबंदी की धमकी दी गई है। गतिशील गुजरात के विकास की बड़ी चर्चा के बीच बिना डॉक्टर के सरकारी अस्पताल की बात सुनने के बाद चौकाने वाले दृश्य सामने आए हैं। नेनावा गांव में लाखों की लागत से एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरकारी अस्पताल बनाया गया है, जिन मरीजों को उचित इलाज नहीं मिलता है, वे दुखी मन वापिस लौट जाते है। एक मरीज ने कहा "मैं यहां दवा लेने आया हूं लेकिन डॉक्टर यहां नहीं है। मैं क्या करूं? मैं यहां इलाज कराने आया हूं लेकिन डॉक्टर यहां नहीं रहता है। ऐसे में सरकारी अस्पताल का क्या मतलब है?" नेनावा गांव के लोगों ने पिछले 40 दिनों में स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला विकास अधिकारी तक कई बार अभ्यावेदन दिया है।



चूंकि गांव राजस्थान की सीमा से सटा है, इसलिए नेनावा के मरीजों को इलाज के लिए राजस्थान के सांचौर या 30 किमी दूर धनेरा जाना पड़ता है। ग्राम उपपंच नरसिम्हा चौधरी ने कहा, ''हमारे गांव में 40 दिन से डॉक्टर नहीं है। चूंकि हमारे पास अस्पताल में डॉक्टर नहीं है, इसलिए लोगों को इलाज के लिए दूर-दूर जाना पड़ता है, हम मांग करते हैं कि जल्द से जल्द डॉक्टर की नियुक्ति की जाए। स्थिति यह है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के कारण नेनावा गांव के मरीजों को इलाज के लिए राजस्थान जाना पड़ता है। इसको लेकर लोगों में खासा आक्रोश है। हालांकि, अब देखने में आया है कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों को रखा जाएगा या गांव वाले सच में अस्पताल में ताला लगा देंगे।






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